दिल्ली की मोदी सरकार को बचाने के लिए सोशल मीडिया पर अक्सर झूठ का सहारा लिया जाता रहा है। जब-जब दिल्ली में मोदी की हुक़ूमत तक विरोध की आवाज़ पहुंचती है तो बीजेपी समर्थक, गोदी मीडिया और दक्षिणपंथी विचारधारा वाले लोग सीना तान कर खड़े हो जाते हैं।
ये सभी लोग मोदी सरकार के विरोधियों को भारत विरोधी बताने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। भले ही इन्हें झूठ का सहारा क्यों न लेना पड़े लेकिन लेते हैं।
यदि मुस्लिम समुदाय सरकार के विरोध करे तो उन्हें देशद्रोही, पाकिस्तानी, वतन का गद्दार बताया जाता है। अगर मुसलिम महिलाएं हों तो उनके चरित्र को लेकर ही तरह-तरह की टिप्पणियों से सोशल मीडिया भर जाता है। यही नहीं छात्रों को जिहादी, पाकिस्तानी, आईएसआई का एजेंट घोषित कर दिया जाता है।
किसानों को बदनाम करने के लिए ट्रोल आर्मी लगी पड़ी है लेकिन उसी बीच गृह मंत्री अमित शाह का बयान पक्ष में आता हुआ नजर आता है। किसान दिल्ली पहुंचे भी नहीं थे उससे पहले ही उनके ख़िलाफ़ जमकर फर्जी सामग्री जुटा ली गई और हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर पर पहुंचते ही इसे सोशल मीडिया पर वायरल किया गया।
बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय सोशल मीडिया इंचार्ज प्रीति गांधी ने ऐसा ही एक वीडियो ट्वीट किया। इस वीडियो में बताया गया कि एक शख़्स पाकिस्तान और खालिस्तान के समर्थन में नारेबाज़ी कर रहा है और उसके आसपास खड़े लोगों ने पाकिस्तान और खालिस्तान के झंडे पकड़े हुए हैं। अंत में यह शख़्स मोदी सरकार हाय-हाय के नारे लगाता सुनाई देता है।
गांधी ने पूछा कि क्या ये वास्तव में किसान हैं। जैसे ही पता चला कि इस वीडियो का किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है, गांधी की अच्छी-खासी फजीहत हुई और उन्होंने इसे हटा लिया।

प्रीति से कदम मिलाते हुए बीजेपी के दिल्ली सोशल मीडिया हेड पुनीत अग्रवाल ने भी इसी वीडियो को ट्वीट किया और लिखा कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का देश विरोधी एजेंडा सामने आ गया है। बाद में फजीहत होने पर अग्रवाल को भी ये ट्वीट डिलीट करना पड़ा।

एक ट्विटर यूजर ने राष्ट्र को सर्वोपरि बताते हुए इस वीडियो को ट्वीट किया है।
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ के फैन्स क्लब नाम के पेज ने भी इस वीडियो को शेयर किया है जिसने हज़ारों लोगों तक पहुंच बनाई।
सोशल मीडिया पर होने वाले फर्जीवाड़े का खुलासा करने के लिए पहचानी जाने वाली ऑल्ट न्यूज़ ने इस वीडियो की पड़ताल की तो पता चला कि ये वीडियो एडिट करके बनाया गया है। लेकिन फर्जीवाड़ा करने में माहिर लोगों ने 20 सेकेंड की क्लिप निकालकर हिंदुस्तान के किसानों को बदनाम करने में अपनी पूरी ताक़त लगा दी और पीछे से इसमें मिक्सिंग करके मोदी सरकार हाय-हाय का नारा जोड़ दिया।
किसानों को बदनाम करने की पूरी कोशिश:
सोशल मीडिया पर इस तरह से बदनामी करने के लिए लोगों को पैसा तक दिया जाता है। पूरी सोशल मीडिया टीम खड़ी की जा चुकी है पार्टियों के द्वारा।
यहां सिर्फ किसान नहीं बल्कि जो भी सरकार के खिलाफ बोलता है उसे बदनाम किया जाता है। ऑल्ट न्यूज़ ने पड़ताल करके बता तो दिया लेकिन जिन लोगों तक यह जानकारी नहीं पहुंची वह तो किसानों को अभी भी उसी नजर से देख रहे होंगे।
किसानों के बुलंद हौसलों के आगे सरकार अब इस बात से परेशान है कि इस मसले का हल कैसे निकलेगा।