बिहार में भले जेडीयू की कम सीटे आई हों लेकिन मुख्यमंत्री के लिए अभी एक ही विकल्प दिख रहा है। नीतीश कुमार भले कह रहे हों कि मुख्यमंत्री पद का फैसला एनडीए करेगी लेकिन वह इस पद से नीचे समझौता तो बिल्कुल भी नहीं करना चाहते।
पिछली बार जब उन्होंने एनडीए से समझौता किया था तब डिप्टी सीएम के लिए उन्होंने ही सुशील मोदी का नाम आगे किया था। ऐसा कहा जाता है कि नीतीश और सुशील मोदी के बीच कोई भी असमंजस की स्थिति नहीं आती।
सुशील मोदी किसी भी मुद्दे पर नीतीश का विरोध नहीं करते। यही कारण है कि सुशील पहली पसंद हैं नीतीश की। या यूं कहें कि बिना सुशील मोदी के डिप्टी सीएम बने नीतीश मुख्यमंत्री बनना नहीं चाहते हैं।
तारकिशोर प्रसाद ने उपमुख्यमंत्री पद को लेकर क्या बोले:
उन्होंने ट्वीट किया, ‘भाजपा एवं संघ परिवार ने मुझे ४० वर्षों के राजनीतिक जीवन में इतना दिया की शायद किसी दूसरे को नहीं मिला होगा। आगे भी जो ज़िम्मेवारी मिलेगी उसका निर्वहन करूँगा। कार्यकर्ता का पद तो कोई छीन नहीं सकता।’