BY- FIRE TIMES TEAM
शनिवार को राजस्थान के झालावाड़ जिले के रातलाई क्षेत्र में बनाये जाने वाले देवनारायण मंदिर के लिए स्थापना समारोह आयोजित किया गया।
इस मौके पर मंदिर बनाने के लिए खोदी गई नींव के पास पुरुषों की भीड़ को बड़े डिब्बे पकड़े हुए और 11,000 लीटर के कुल दूध, दही और देसी घी डालते हुए देखा गया।
मंदिर निर्माण समिति के प्रवक्ता रामलाल गुर्जर ने कहा, “हमने गुर्जर समुदाय के सदस्यों से 11,000 लीटर दूध, देसी घी और दही और यहां तक कि देवनारायण मंदिर के स्थापना समारोह के लिए अन्य लोगों से भी श्रद्धा प्रकट करने के लिए कहा था।”
उन्होंने कहा कि 11000 लीटर में से 1500 लीटर दही और 1 क्विंटल देसी घी था, जबकि बाकी दूध था और इसकी कुल लागत लगभग 1.50 लाख रुपये थी।
उन्होंने कहा कि समारोह से एक दिन पहले हमने गुर्जर समुदाय के सदस्यों से अपील की थी और लोगों ने उदारता के साथ हमारी बात भी मानी।
यह पूछे जाने पर कि क्या इस तरह के समारोहों के लिए दूध डालना गुर्जर समुदाय की अनिवार्य परंपरा है, रामलाल ने कहा कि यह अनिवार्य नहीं है, लेकिन यह अतीत में भी कई बार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह कुछ भी नहीं है कि प्रभु तो हमें इससे भी ज्यादा बहुत कुछ देते हैं।
यह पूछे जाने और कि क्या इस तरह से इतनी सामग्री को मंदिर की स्थापना के लिए व्यर्थ करना गलत नहीं है, रामलाल ने कहा, “यह बिल्कुल व्यर्थ नहीं है, हम गुर्जर लोग भगवान देवनारायण के ऊपर दूध चढ़ाते हैं क्योंकि वे हमारे पशुओं की रक्षा करते हैं।”
उन्होंने कहा कि भगवान का हमारे ऊपर काफी कर्ज है इसलिए बदले में हमने मंदिर निर्माण स्थापना के दिन दूध के उत्पादों का दान किया है।
एक करोड़ रुपये की लागत से बन रहा यह मंदिर दो साल में बनकर तैयार हो जाएगा।
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