87,000 रुपये के बिजली बिल के कर्ज में डूबे छतरपुर के एक किसान मनेंद्र ने सुसाइड नोट छोड़ कर पेड़ से लटक गया। चक्की चलाने वाले इस किसान की बिजली विभाग ने 1 दिन पहले चक्की, बाइक और मोटर जप्त कर ली थी।
किसान ने अपने नोट में लिखा मेरा शरीर सरकार को दे दें और शरीर के अंग को बेचकर कर्ज चुकता करवा लें। यह कुछ लाइनें एक 40 के किसान की थीं जिसने सात पेज लंबा सुसाइड नोट लिखा। मध्य प्रदेश का यह बूढ़ा किसान 30 दिसंबर 2020 को अपने खेत में आत्महत्या करके मर गया।
छतरपुर के मटगुंवा गाँव के रहने वाले किसान मुनेंद्र सिंह राजपूत एक आटा चक्की भी चला रहे थे। कोरोना के बाद हुए लॉकडाउन के दौरान मिल बंद होने के बाद वह 87,000 रुपये के बिजली बिल के बकायेदार हो गए थे।
रिपोर्टों के अनुसार आत्महत्या से एक दिन पहले बिजली विभाग के कर्मचारियों ने न केवल बिलों की वसूली के लिए किसान की मोटरसाइकिल, 10 हॉर्सपावर की मोटर और आटा चक्की जब्त की, बल्कि बाजार के बीच में उनका अपमान भी किया।
मृतक लोकेंद्र सिंह के परिवार के सदस्य ने कहा कि सामान जब्त होने के बाद अपने पांच सदस्यीय परिवार को खिलाने के लिए कोई रास्ता न होने के कारण मुनेंद्र ने खुद को मौत के गले लगाकर अपने अंगों को बेचने के लिए कहा।
किसान की पत्नी के अलावा चार नाबालिग बच्चों जिनमें तीन बेटियां और एक बेटा है। सुसाइड नोट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए, राजपूत ने खुद को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का समर्थक बताया।
अपने भारी-भरकम बिजली बिलों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने लिखा, ” मिल लॉकडाउन में बंद थी लेकिन बिजली का बिल बढ़ रहा था। भारी बारिश में फसलें बर्बाद हो गईं।
उन्होंने आगे लिखा, “कमाई का स्रोत मिल था, लेकिन भारी बिजली बिल एक बोझ था। लेकिन एक महीने पहले किसी तरह मैंने बिजली विभाग को 35, 000 रुपये का भुगतान किया। लेकिन उन्होंने मुझे 5,000 रुपये की रसीद दी। और जब मैं उनके समय सीमा के भीतर बकाया राशि निकालने में विफल रहा, तो उन्होंने मेरी छवि को धूमिल किया और मेरी संपत्ति जब्त कर ली।”
पीएम मोदी से किसानों और गरीबों के लिए सरकारी योजनाओं के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन की वास्तविकता की जांच करने का आग्रह करते हुए उन्होंने लिखा, “सरकारी योजनाएं केवल कागजों पर चल रही हैं और सरकारी अधिकारी किसानों और समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों को परेशान करते हैं।”
छतरपुर के एसपी सचिन शर्मा से संपर्क करने पर उन्होंने कहा, ‘एक मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है। जांच होने के बाद कार्यवाही की बात कही।’
किसान की मृत्यु के बाद, राज्य कांग्रेस के प्रवक्ता अब्बास हाफिज खान ने भाजपा सरकार और बिजली विभाग पर हमला करते हुए कहा, “केंद्र सरकार उद्योगपतियों के करोड़ों ऋण और बिल माफ कर सकती है लेकिन किसानों के नहीं। जब कांग्रेस राज्य में सत्ता में लौटी, तो सरकार ने 100 यूनिट बिजली बिल के लिए 100 रुपये लॉन्च किए थे। लेकिन वर्तमान शासन ने इसे बंद कर दिया।”