कानपुर में एक अजीब मामला सामने आया है। पहले महिला ने एक टैक्सी ड्राइवर पर धर्मांतरण और बालात्कार का केस किया। टैक्सी ड्राइवर को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। अब महिला मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान से पलट गई।
कानपुर पुलिस ने सोमवार को कहा कि उसने एक 35 वर्षीय टैक्सी चालक के खिलाफ जो बलात्कार और धर्मांतरण विरोधी मुकदमा किया गया था उसको समाप्त करने का फैसला किया है। पुलिस ने बताया कि शिकायतकर्ता ने एक मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज करते हुए अपने आरोपों को वापस ले लिया था।
उधर चालक चार दिन से जेल में ही है। 32 वर्षीय महिला ने पहले पुलिस को बताया था कि वह तीन साल पहले आरोपी से मिली थी। जब वह आरोपी से मिली थी तब उसने अपना धर्म छुपाया था।
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि जब वे मिले तो आरोपी ने खुद को हिंदू बताया और नियमित रूप से उसके घर आया करता था। उसने आरोप लगाया कि शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया बाद में उन्होंने हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शादी की।
महिला ने जांचकर्ताओं को बताया कि उसे बाद में पता चला कि आरोपी मुस्लिम था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि जब उसने उससे अपनी पहचान छिपाने के बारे में सवाल किया तो उसने उसे परेशान करना शुरू कर दिया। पुलिस ने कहा कि वह कथित तौर पर उस पर और उसके बच्चों पर इस्लाम अपनाने के लिए दबाव डालता था और मना करने पर उन्हें धमकाता था।
जांच के दौरान, मामले में बलात्कार का आरोप जोड़ा गया था। चार दिन बाद टैक्सी चालक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
पुलिस ने बताया कि बाद में, मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान में, महिला ने बलात्कार और धर्म परिवर्तन के आरोपों से इनकार किया। महिला के इस बयान के बाद आरोपी पर जो धाराएं लगाई गई हैं वह हटा दी जाएंगी।