उत्तर प्रदेश के 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी कमर कसनी शुरू कर ली है। कांग्रेस अपना खोया हुआ जनाधार पाने के लिए प्रियंका गांधी को मैदान में उतार दिया है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में अपनी सक्रियता भी बढ़ा दी है। हाथरस से लेकर लखीमपुर तक वह लगातार सड़क पर हक की लड़ाई में खड़ी रही हैं।
अब जब चुनाव नजदीक है तब वह कैसे कांग्रेस को मजबूत कर पाएंगी यह अलग मुद्दा है। लेकिन वह मजबूती के साथ यूपी में अपनी सक्रियता लगातार बढ़ा रही हैं।
मुफ्त ई-स्कूटर और स्मार्टफोन सहित कांग्रेस के सात “प्रतिज्ञा” (संकल्प) को लोकप्रिय बनाने के लिए, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बाराबंकी से तीन “प्रतिज्ञा यात्राओं” में से एक को झंडी दिखाकर रवाना किया।
उनकी 10-दिवसीय “प्रतिज्ञा यात्रा” तीन मार्गों पर चलेगी जिसमें वाराणसी से रायबरेली, बाराबंकी से झांसी और सहारनपुर से मथुरा शामिल है।
कांग्रेस प्रचार समिति के प्रमुख और बाराबंकी के पूर्व सांसद पीएल पुनिया ने कहा कि प्रियंका शनिवार को आगामी विधानसभा चुनावों के लिए “सात संकल्प” जनता को बताएंगी।
इन प्रस्तावों में से एक जो है उसमें कॉलेज की छात्राओं को मुफ्त ई-स्कूटर और 10 वीं कक्षा की परीक्षा पास करने वालों को स्मार्टफोन देना शामिल है।
वाराणसी-रायबरेली रैली का नेतृत्व पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी और पूर्व विधायक नदीम जावेद करेंगे। इस यात्रा में चंदौली, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, सोनभद्र और अमेठी जिले शामिल होंगे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य और पूर्व राज्य मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी के नेतृत्व में बाराबंकी-झांसी यात्रा को शामिल किया गया है। इसमें मध्य यूपी और बुंदेलखंड क्षेत्र के कुछ हिस्से शामिल होंगे। जिसमें लखनऊ, उन्नाव, फतेहपुर, चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर और जालौन जैसे जिले आएंगे।
तीसरी यात्रा मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, बदायूं, अलीगढ़, हाथरस और आगरा सहित पश्चिमी यूपी के कुछ हिस्सों से होकर गुजरेगी। इसका नेतृत्व पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद और पार्टी नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम करेंगे।
तीन प्रतिज्ञा यात्रा से कांग्रेस को कितना लाभ मिलेगा यह चुनाव नतीजों के बाद पता चलेगा लेकिन प्रियंका की मौजूदगी से एक उम्मीद तो जरूर ही कार्यकर्ताओं में जागी ही है।
पिछले चुनाव में कांग्रेस सपा के साथ मिलकर एक गठबंधन बनाया था। बावजूद उसके कांग्रेस की स्थिति यूपी में काफी असंतोषजनक रही थी।
2017 केविधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अन्य सभी पार्टियों का सूफड़ा साफ कर दिया था। उसने करीब 80 प्रतिशत सीटों पर कब्जा कर लिया था।
पिछले चुनाव में जब कांग्रेस मौजूदा सरकार में रहने वाली समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था तब उसका बुरा हाल हुआ था और अब अखिलेश भी कह चुके हैं कि वह किसी बड़ी पार्टी गठबंधन नहीं करेंगे।
ऐसे में अगर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ेगी तो कांग्रेस कहाँ तक पहुंच पाएगी यह एक विचारणीय प्रश्न है।