नजरिया

तारिक कासमी को उम्रकैद का फैसला तथ्यों से परे- रिहाई मंच

 BY- राजीव यादव लखनऊ 22 दिसंबर 2020. रिहाई मंच ने गोरखपुर सीरियल ब्लॉस्ट मामले में आजमगढ़ के तारिक कासमी को आजीवन कारावास के फैसले पर बोला की यह फैसला तथ्यों से परे है. मंच ने कहा कि इससे पहले भी निचली अदालतों द्वारा आतंकवाद के विभिन्न मामलों में सजा सुनाए …

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मोदी जी अडानी-अंबानी के हित नहीं हो सकते किसानों के हित

 BY- बादल सरोज हाल ही में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस देश के किसानों के लिए खुला पत्र लिखा है और कृषि कानूनों की खूबियां गिनाते हुए इसके खिलाफ चल रहे देशव्यापी किसान आंदोलन को खत्म करने की गुजारिश की है। दरअसल इस खुले पत्र के जरिये उन्होंने …

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आन्दोलन की बढ़ती व्यापकता से डर कर योगी सरकार ने गैंगेस्टर, गुंडा एक्ट, रासुका जैसे हथियार इस्तेमाल किए

 BY- RAJEEV YADAV रिहाई मंच ने नागरिकता आंदोलन के एक साल होने पर रिपोर्ट जारी करते हुए मऊ में रासुका के तहत कैद लोगों की रिहाई की मांग की। रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि दिसंबर 2019 में नागरिकता कानूनों में संशोधन के खिलाफ असम में विरोध शुरु …

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अपनी ही उगाई फसल की कीमत के लिए डंडे खाता किसान

BY- पुनीत सम्यक जो पीढ़ी गांवों में पैदा हुई है वहीं पली बढ़ी है, पर आज किसी कारणवश शहरों में रह रही है, उसे याद होगा कि उन्होंने सेर भर गेंहूँ के बदले क्या कुछ नही ख़रीदा है। एक सेर गेंहूँ के बदले तीन सेर मूली, चार सेर खीरा ककड़ी, दो …

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रडार और नाली गैस में अपार सफलता के बाद क्या मोदी बन पाएंगे भारत के मेंडलीव?

BY- पुनीत सम्यक चलो मान लेते हैं नए संसद भवन में लाख अच्छाईयां हैं। जैसे यह कई धर्मों के पावन चिन्हों की झलक पेश करेगा। इसमें राष्ट्रीय प्रतीक कमल, मोर और बरगद पर आधारित थीम होगी। यह आत्मनिर्भर है। इसमें 888 लोकसभा सदस्य और 384 राज्यसभा सदस्यों के बैठने की क्षमता …

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जिस रफ़्तार से देश में कवि बढ़ रहे हैं, उस हिसाब से देश बहुत जल्द कविगुरु जरूर बन जायेगा

BY- पुनीत सम्यक जिस रफ़्तार से देश में कवि बढ़ रहे हैं, उस हिसाब से देश बहुत जल्द कविगुरु जरूर बन जायेगा। इन कवियों की कविताएं अपने आप में मिसाइल हैं..इनको पढ़ कर लगता है क्यों अंग्रेजों ने हमें सपेरों का देश कहा होगा। क्यों किसी फिरंगी ने कहा होगा कि …

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जो किसान कंपनियों के साथ खेती का अनुबंध नहीं करेंगे वे कम्पनी के बीज की किस्म को उगा भी नहीं सकेंगे!

 BY- प्रोफेसर जया मेहता मौजूदा किसान संघर्ष की पृष्ठभूमि: देशभर में लॉकडाउन घोषित करने के डेढ़ महीने बाद प्रधानमंत्री महोदय को यह ख्याल आया कि कोरोना वायरस की महामारी से निपटने में जनता की कुछ मदद भी करना चाहिए और 12 मई 2020 को उन्होंने बीस लाख करोड़ रुपए के …

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न्यूनतम समर्थन मूल्य न मिलने पर किसान कम से कम उसे लागू कराने के लिए लड़ तो सकता है

BY- राजीव यादव, संदीप पाण्डेय संवेदनहीन सरकार और खुद्दार किसान पूरे देश ने देखा है कि किस तरह से केन्द्र सरकार ने संसद से बिना बहस या मतदान के तीन कृषि सम्बंधित विधेयक जल्दीबाजी में पारित करवाए। यह अब मोदी सरकार का संसद से निर्णय करवाने का एक तरीका बन …

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क्या पीएम मोदी के लिए देश का मतलब अम्बानी और अडानी की जागीरें हैं?

BY- पुनीत सम्यक मनमोहन सिंह के लिए उदारीकरण अर्थव्यवस्था का एक मॉडल था। वो किसी कॉर्पोरेट के साथ देश लूटने की दुरभिसंधि नहीं थी। इसलिए वो उसको लागू करने के मामले में एक अर्थशास्त्री की तरह सचेत थे। उन्होंने किसी कॉर्पोरेट की अंधाधुंध फंडिंग पर ख़ुद को प्रधानमंत्री पद के लिए …

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अब आईटी सेल देश के किसानों को बदनाम करने में लग गया है?

BY- पुनीत सम्यक वॉट्सएप विष-विद्यालय वाला छात्र त​ब पूछ रहा था कि सिर्फ तमिलनाडु के किसान क्यों आए? आज पूछ रहा है सिर्फ पंजाब के किसान क्यों आए हैं? विष-विद्यालय का विषैला विद्यार्थी ऐसे ही विषाक्त तर्कों से लैस किया गया है। उसे इतना निष्ठुर बनाया गया है कि किसी …

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