कहीं गौशाला में लोग रोक के रखे जा रहे हैं, तो कहीं सीमाओं पर बच्चे बिलख रहे हैं: अखिलेश यादव


BY-FIRE TIMES TEAM


जब से लॉकडाउन हुआ है तब से प्रवासी मजदूरों की जिदंगी न केवल कोरोना से बल्कि भूक-प्यास से संकट में आ गई है। अब तक सैकडों मजदूर अपनी जान भी गवां चुके हैं। कई लोग पैदल चलकर अपने घर पहुंच भी गए लेकिन बाद में दम तोड़ दिया।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 10 हजार बसें चलाने की बात कही थी लेकिन उनका जमीन पर कितना इस्तेमाल किया गया यह सवालों के घेरे में है। मुख्यमंत्री ने कई लाख लोगों को रोजगार भी देने की बात कही लेकिन किसको और किस प्रकार दिया गया है यह भी सवालों के घेरे में है।

सरकार की नीतियों को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सवाल उठाये हैं। उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए वर्तमान सरकार की व्यवस्था को लेकर प्रश्न किया है।

अखिलेश यादव ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा- “लॉकडाउन 4.0 के इस बद से बदतर हालात में भी प्रदेश सरकार सोच रही है कि सब नियंत्रण में है। अगर सरकार इसे व्यवस्था कहती है तो फिर उसे त्यागपत्र दे देना चाहिए. कहीं गौशाला तक में लोग रोक के रखे जा रहे हैं, तो कहीं सीमाओं पर बच्चे बिलख रहे हैं. क्या इसी नये रूप-रंग की बात हुई थी।”

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन 4.0 को नए रंग रूप वाला बताया था। 18 मई से लागू इस नए लॉकडाउन में कुछ ढील दी गई है जो कि 31 मई तक तक के लिए है।

यह भी पढ़ें: गरीब, बेबस मज़दूरों से भाजपा सरकार द्वारा पैसे लिए जाने की ख़बर बेहद शर्मनाक है: अखिलेश यादव

लॉकडाउन के लगभग दो महीने बाद भी मजदूर सड़क पर पैदल चलने को मजबूर है। अभी भी वह गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना जैसे प्रदेशों से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, चट्टानों को पैदल ही जा रहा है। मजदूरों के साथ उनका परिवार भी है जिसकी सुरक्षा का भी दायित्व उसी के ऊपर है।

 

 

About Admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *