बिहार में कोरोना मरीजों की अचानक बढ़ोतरी हुई है। पहले यहां ऐसा लग रहा था जैसे कोरोना कोई बीमारी है ही नहीं। चुनाव कराने के लिए भी तैयारियां शुरू हो गईं थीं लेकिन अचानक सब कुछ बदला से लग रहा है। जो बीजेपी के नेता चुनाव की तैयारी कर रह थे वही कोरोना की चपेट में आने लगे।
जब बिहार में बीजेपी कार्यालय से ही कोरोना के कई मरीज सामने आने लगे तब नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार थोड़ा जागी। अब जाकर वह टेस्ट करने की प्रवृत्ति में सुधार कर रही है।
इस बीच बिहार के अस्पतालों से ऐसी फ़ोटो वायरल हो रही हैं जो किसी को भी झकझोर सकती हैं। बिहार के भागलपुर में जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड की हालत खराब होती जा रही है।
भागलपुर बिहार का ऐसा जिला है जहां कोरोना के मरीज दूसरे नंबर पर हैं। इस जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1601 हो चुकी है। अभी तक यहां 16 लोगों की मौत भी हो चुकी है।
यहाँ भर्ती कराए गए 60 वर्षीय बुजुर्ग के पिता ने कहा कि वो सिर्फ ताला लगाते हैं और मरीजों को ऐसे ही भूल जाते हैं। वहां कोई निगरानी नहीं हो रही है। मरीजों के रिश्तेदार फर्स पर सोने को मजबूर हैं।
उन्होंने शौचालय के गंदे होने की भी बात कही। उन्होंने कहा शायद ही वह साफ किया जाता हो। ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी की भी बात कही।
कुछ लोग कोरोना निगेटिव आने के बाद भी आईसीयू में उस जगह जाते हैं जहां कोरोना के मरीज भर्ती हैं। इसके पीछे की वजह वहां पर मरीजों की देखभाल में कमी है। मरीज के परिवार वाले इस बात से डरते हैं कि कहीं ऐसा न हो कि उनके मरीज को को मरने के लिए छोड़ दिया जाए।