26 जनवरी को किसानों ने कृषि बिल के विरोध में ट्रैक्टर रैली निकाली। इस दौरान कुछ छुटपुट घटनाएं भी देखने को मिलीं। कई लोगों को चोटें भी आई हैं।
प्रदर्शन के दौरान ही कुछ लोग लाल किले तक जा पहुंचे। उनमें से कुछ लोग लाल किले पर चढ़कर झंडे भी लगा दिए। इसी को लेकर मुख्य धारा की मीडिया ने किसानों को दंगाई कहना शुरू कर दिया। जिनमें इंडिया टीवी, आजतक, ज़ी न्यूज़, रिपब्लिक भारत जैसे चैनल शामिल हैं।
लाल किले पर झंडा फहराने के बाद लोगों ने उस व्यक्ति की जानकारी खोज निकाली जिसने लाल किले पर चढ़कर झंडा फहराया था। उसकी कुछ फोटो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हैं।
अब किसान नेता राकेश टिकैत ने उस घटना को लेकर सफाई दी है। उन्होंने कहा, ‘हिंसा के पीछे बीजेपी की साजिश थी और झंडा फहराने वाले लोग बीजेपी से संबंधित हैं। पुुुलिस की लापरवाही से हिंसा हुई है।’
राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने दिल्ली में किसानों को घुसाकर उनको लाल किले तक जाने के लिए साफ रास्ता दिया। इसके साथ ही बीजेपी कार्यकर्ताओं को वहां पर भेजा गया और फुटेज को दुनिया में किसानों को बदनाम करने के लिए प्रसारित किया गया।
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने मार्च वाले रास्तों को बंद कर दिया और लाल किले को जाने वाले रास्तों को खोला गया।