BY – FIRE TIMES TEAM
आगरा जिले में बस हाईजैक की खबर ने सनसनी फैला दी थी। पहले जानकारी मिली थी कि फाईनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने बस को यात्रियों सहित हाईजैक कर लिया है। यह बस ग्वालियर की है जिसका नंबर UP-75 M-3516 है, जो गुरूग्राम से एमपी के लिए चली थी। आपको बता दें कि बस में 34 सवारियां, 1 ड्राइवर और 2 कंडक्टर यात्रा कर रहे थे।
लेकिन अब मामले में नया खुलासा हुआ है कि पैसे के लेन-देन का विवाद होने के कारण इस तरह की घटना को अंजाम दिया गया। राहत की बात यह है कि बस इटावा से बरामद हो चुकी है। और सभी यात्री भी सही सलामत हैं।
क्या है पूरा मामला –
मंगलवार की शाम को कल्पना टूर एण्ड ट्रैवल्स की बस गुरूग्राम से मध्य प्रदेश के पन्ना में अमानगंज के लिए रवाना हुई थी। रात 10ः30 बजे वे आगरा थाना के मलपुरा क्षेत्र के दक्षिणी बाईपास के रायभा टोल प्लाजा के पास पहुंचे जहां पर कार सवार अज्ञात युवकों ने खुद को फाइनेंसकर्मी बता कर बस रूकवाई और कहा कि बस की किश्तें टूट गईं हैं, इसलिए बस ले जा रहे हैं, अभी और भी बस ले जानी हैं। उन लोगों ने बस के यात्रियों से कोई बदसलूकी नहीं कि और तो और उनका किराया भी वापस कराया। इसके बाद ड्राईवर और कंडक्टर को कुबेरपुर में उतारकर बस को यात्रियों समेत अगवा कर लिया। ड्राइवर ने यह बात पुलिस को बताई जिसके बाद पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया। जांच में सामने आया कि बस की किश्ते बस मालिक ने नहीं चुकाईं हैं। जिसके बाद फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों के बस अगवा करने की बात सच लगने लगी।
बुधवार की सुबह इसी बस के एक यात्री से छतरपुर में पुलिस की बात हुई, उसने बताया कि सभी यात्रियों को ग्वालियर तक लाकर झांसी के लिए दूसरे बस में बैठा दिया गया। और बस को लेकर वे लोग फरार हो गये। इसके बाद यूपी के एडीशनल चीफ सेक्रेटरी होम अवनीश अवस्थी ने सुबह 10ः30 बजे इस मामले में बताया कि फाइनेंस कंपनी ने गैरकानूनी ढंग से बस को जब्त कर लिया था। सभी यात्री सुरक्षित हैं। लेकिन अभी तक बस कहां पर है और किन लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है यह जानकारी अभी नहीं मिली है।
और जांच में पुलिस को फतेहाबाद टोल प्लाजा से एक फुटेज मिली जिसमें फिरोजाबाद निवासी प्रदीप गुप्ता दिखा और जाइलो भी जिसमें वे सभी बैठकर बस का पीछा किया था। उसने ही इस घटना को अंजाम दिया था। बस अशोक अरोरा की बेटी कल्पना अरोरा के नाम पर रजिस्टर्ड है। मंगलवार को ही बस मालिक का कोरोना की वजह से निधन हो गया। प्रदीप गुप्ता का बस मालिक से लेन-देन का विवाद था। बस मालिक के मरने के बाद प्रदीप को लगा कि अब उसका बकाया नहीं मिलेगा। इसलिए उसने इस तरह की घटना को अंजाम दिया।