BY- FIRE TIMES TEAM
मध्य प्रदेश के भिंड जिले में एम्बुलेंस न मिलने के कारण अपने बीमार पिता को एक हाथ से धक्का देने वाले ठेले पर अस्पताल ले जाने के लिए मजबूर एक व्यक्ति की खबर देने के लिए तीन पत्रकारों पर मामला दर्ज किया गया है।
पत्रकार कुंजबिहारी कौरव, अनिल शर्मा और एनके भटेले ने पत्रिका, News18 और लल्लूराम डॉट कॉम में इस घटना के बारे में लिखा था।
उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी), 505-2 (वर्गों के बीच दुश्मनी पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2008 की धारा 69 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
दाबोह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी डॉ राजीव कौरव की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पहली सूचना रिपोर्ट में दावा किया गया है कि समाचार लेख “झूठे और निराधार” हैं, लेकिन जो तस्वीर खींची गई है वो कुछ और ही कहानी बयान कर रही है।
भिंड के जिला कलेक्टर सतीश कुमार एस द्वारा गठित एक जांच दल और राजस्व और स्वास्थ्य विभागों के अधिकारियों ने दावा किया कि परिवार ने एम्बुलेंस को बुलाया ही नहीं था।
टीम ने कहा कि ज्ञान प्रसाद विश्वकर्मा के रूप में पहचाने जाने वाले बुजुर्ग को पहले एक निजी अस्पताल ले जाया गया था, न कि सरकारी अस्पताल में।
हालांकि, उस व्यक्ति के बेटे हरिकृष्णा और बेटी पुष्पा ने आरोप लगाया कि कॉल करने के बावजूद एम्बुलेंस नहीं मिलने के बाद उन्हें लगभग 5 किलोमीटर तक ठेले पर वकील बीमार पिता को ले जाने पर मजबूर होना पड़ा।
पुष्पा ने प्रशासन के दावों को भी खारिज कर दिया कि उनके परिवार को सरकारी योजनाओं के तहत लाभ प्रदान किया जाता है।
पुष्पा ने कहा, “हमें पीएम आवास योजना की सिर्फ एक किस्त मिली है। जिला प्रशासन की एक टीम ने मेरे भाई के घर की तस्वीरें लीं थीं।”
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