नजरिया

जैसे-जैसे भाजपा की उम्मीदों की चादर सिकुड़ती जा रही है, वैसे-वैसे आरएसएस की साजिशों के पाँव पसरते जा रहे हैं

 BY- बादल सरोज शून्य को शून्य में जोड़ने, एक शून्य हटा दूसरी बिठाने से संख्या नहीं बढ़ती पता नहीं क्यों पिछले तीन दिनों से सारा मीडिया सारे फ़साने से जिसका कोई रिश्ता तक नहीं, उस मोदी मंत्रिमंडल के पहले फेरबदल पर दीवाना बना हुआ है। जिस मोटा भाई के मंत्रिमण्डल …

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सरकारी नौकरी का पता नहीं लेकिन क़ानून लाएँगे कि दो से अधिक बच्चे तो नौकरी नहीं

अमर उजाला लिखता है कि यूपी सरकार एक क़ानून ला रही है।प्रस्तावित क़ानून के मुताबिक़ जिनके दो से अधिक बच्चे हैं उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी।जो सरकारी नौकरी में हैं और दो से अधिक बच्चे हैं, उन्हें कई सुविधाएँ नहीं मिलेंगी। यह पढ़ कर मैं उन लाखों नौजवानों के बारे …

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फादर स्टेन लोकतंत्र के सच्चे प्रहरी थे; ऐसे लोगों की जमात के ज़रिए ही भारत में लोकतंत्र मज़बूत होगा

 BY- विजय “मैं कोई मूक दर्शक नहीं हूं, मैं संघर्ष का हिस्सा हूं। इसके लिए मैं कोई भी कीमत चुकाने के लिए तैयार हूं, कुछ भी कीमत।” चर्च अपने गिरेबान में झांके और देखें कि किस तरह वह काम करता है। हम अगर गरीबों के लिए काम कर रहें है, …

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सेना में जाति के नाम रेजिमेंट…???

BY- डॉ अजय कुमार जहां जाति को खत्म होने की बात चल रही है वहीं जाति के नाम पर सेना में रेजिमेंट बनाने की बात चल रही है। इसमें आपकी और मनुवादियों की बातों में फिर फर्क क्या रह जाता है? जहां मनुवादियों ने सिर्फ बहुजन समाज की जाति के नाम …

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नंदीग्राम : बाप-बेटे, मां और कब्रों से निकलते अस्थिपंजर

 BY- बादल सरोज  कम्युनिस्ट भविष्यवक्ता नहीं होते, किन्तु वे भविष्यदृष्टा पक्के-से होते हैं। नन्दीग्राम और सिंगूर को लेकर खड़े किये गए झूठ के तूमार के चलते 2011 में चुनाव हारने के बाद बुद्धदेब भट्टाचार्य ने कहा था कि दस साल में सारा सच सामने आ जाएगा और 28 मार्च को …

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बहरों को आवाज सुनाने के लिए धमाकों के बहुत ऊंचे शब्दों की जरूरत होती हैं-भगत सिंह

BY- राहुल कुमार गौरब वाकई अद्भुत है आज के सोशल मीडिया के सबसे बड़े हीरो भगत सिंह पंजाबी नौजवानों को आज के सोशल मीडिया के सबसे बड़े विलेन जवाहरलाल नेहरू के साथ जाने की बात क्या करते थे। बहरों को आवाज सुनाने के लिए धमाकों के बहुत ऊंचे शब्दों की …

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जब प्रधानमंत्री मोदी तक्षशिला को बिहार में बता सकते हैं तो तीरथ सिंह ने ब्रिटेन की जगह अमरीका बोल कर कोई ग़लती नहीं की है

तीरथ सिंह रावत जी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड अमरीका ने दो सौ साल तक भारत को ग़ुलाम बनाए रखा। क्या आपने ऐसा कहा है? ट्विटर पर लोग आपके बयान के वीडियो को ट्वीट कर हंस रहे हैं। मैं खुलेआम कहता हूँ कि आपने सही कहा है। मैं आपके साथ हूं। हंसने वाले …

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कॉरपोरेट ने जिस-जिस जगह पैर रखा, वहां-वहां खेती का बंटाधार हुआ

 BY- बादल सरोज  सार रूप में कहानी यह है कि आधी रात में अलाने की भैंस बीमार पड़ी। बीमारी समझ ही नहीं आ रही थी। उन्हें किसी ने बताया कि ठीक यही बीमारी गाँव के फलाने की भैंस को भी हुयी थी। वे दौड़े-दौड़े उनके पास गए और वो दवा …

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दुनिया के ऐसे इकलौते प्रधानमंत्री, जिन्होंने अपने कार्यकाल में सबसे ज्यादा ड्रेस बदली और पहनी हैं

BY-बादल सरोज 28 फरवरी को इसरो के प्रक्षेपण केंद्र से जो उपग्रह लांच किया गया है, उसमे नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी भेजने का नमूना पेश करके इस बार तो प्रधानमंत्री की आत्ममुग्धता ने “आकाश ही सीमा है” के मुहावरे को भी पीछे छोड़ दिया। सारी सीमाओं को लांघ कर …

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महात्मा बुद्ध ने भारत को नपुंसक बना डाला, लेख के आधार पर जानिए क्या सच है और क्या झूठ

BY- अखिलेश सिंह महात्मा बुद्ध ने भारत को नपुंसक बना डाला। यह बात छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में हैप्पीनेस सेंटर के उद्घाटन पर आए मुख्य अतिथि पद्म विभूषण रामभद्राचार्य ने कही है। आइये जानते है भारत कैसे किसके शासक में गुलाम बना भारत में इस्लाम धर्म का उदय सबसे पहले 711 …

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