अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या मामले की जांच अब सीबीआई करेगी। कोर्ट के निर्णय के बाद वह लोग काफी खुश हैं जो चाहते थे कि इस केस की जांच सीबीआई करे। वहीं कुछ लोग इसे बिहार चुनाव और महाराष्ट्र में राजनीतिक जमीन तलाशने के रूप में देख रहे हैं।
जिस तेजी के साथ लोग सीबीआई को केस देने के बाद रिया चक्रवर्ती को दोषी तक साबित करने में लग गए हैं वह चिंताजनक है। यहां यह जरूरी हो जाता है कि सीबीआई ने पुराने केस को किस प्रकार हल किया है उसको भी जाना जाए।
आज से 7 साल पहले महाराष्ट्र में एक अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर की हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या के बाद मामला काफी हाई प्रोफाइल हुआ था। तब कांग्रेस की केंद्र में सरकार थी और सीबीआई जांच का काफी दबाव पड़ा था।
अब 7 साल बाद भी सीबीआई इस मामले की अभी तक जांच पूरी नहीं कर पाई है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार दाभोलकर की बेटी मुक्ता दाभोलकर और बेटे डॉक्टर हमीद दाभोलकर ने एक बयान में कहा है कि 20 अगस्त को हत्या के 7 साल पूरे हो जाएंगे। यह बेहद पीड़ादायक है कि हत्या के सात साल बाद भी सीबीआई जैसी प्रतिष्ठित एजेंसी अब तक जांच पूरी नहीं कर पाई है।
कब हुई थी हत्या?
20 अगस्त 2013 की सुबह नरेंद्र दाभोलकर टहलने निकले थे। रास्ते में पुणे के ओंकारेश्वर पुल पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इस मामले को लेकर सीबीआई ने 8 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया है। इसमें सनातन संथ के सदस्य ईएनटी सर्जन और कथित साजिशकर्ता डॉक्टर वीरेंद्र तावड़े भी शामिल हैं।
आपको यह भी जानकारी होनी चाहिये कि वामपंथी नेता गोविंद पानसरे को 16 फरवरी 2015 को कोल्हापुर में गोली मारी गई थी और 20 फरवरी को उनकी मौत हो गई थी।
प्रोफेसर कलबुर्गी की हत्या 30 अगस्त 2015 को हुई थी। इनकी हत्या उनके स्वयं के आवास पर की गई थी। वहीं वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या 5 सितंबर 2017 की गई।