BY- FIRE TIMES TEAM
देश में हर दिन कोरोना का नया रिकार्ड बन रहा है। पिछले दिनों अस्पतालों को लेकर दिल्ली सरकार और केन्द्र सरकार में रार चल ही रहा था। दिल्ली के हालात दिन प्रतिदिन बिगड़ते ही जा रहे हैं। इसी सिलसिले में बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अमित शाह से मुलाकात की। दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों के कोरोना बेड भर चुके हैं। दिल्ली सरकार ने कोरोना के कम्यूनिटी ट्रान्सफर की बात भी स्वीकार की है। ऐसी स्थिति में स्टेडियम, होटल एवं बैंक्वेट हॉल को कोरोना अस्पताल में तब्दील करने की तैयारी हो रही है।
वहीं दूसरी तरफ गृहमंत्री अमित शाह के रविवार से शुरू हुए वर्चुअल रैली पर बवाल मच गया है। पिछले दिनों गृहमंत्री ने पश्चिम बंगाल में जनसंवाद के नाम से एक वर्चुअल रैली की थी। इस रैली के दौरान पूरे प्रदेश में भाषण को सुनने के लिए हजारों एलईडी लगाई गई थी। इसी बीच अब एक गांव की तस्वीर आई है जिस पर बवाल मच गया है। इस तस्वीर में एलईडी को बांस के पेड़ों के बीच लटकाया गया है। और उस पर अमित शाह की वर्चुअल रैली लोग देख रहे हैं। इस पर यूपी के कांग्रेस नेता राकेश सचान ने ट्वीट किया कि चुनाव के लिए 20 हजार की एलईडी लगवा सकते हैं लेकिन गरीब के खाते में 7500 रूपये नहीं डाल सकते।
बिहार चुनाव में गाँव के जंगल में 20 हज़ार की एलईडी लगवा सकते है लेकिन ग़रीब, मजदूरों के खाते में 7500 रुपये नही डाल सकते, उन्हें उनके गृहजनपद बस-ट्रेन से भिजवा नही सकते। ऐसी नीच राजनीति जनता सब याद रखेगी। @INCUttarPradesh @priyankagandhi pic.twitter.com/nspiN4T5dw
— राकेश सचान #StayHomeSaveLives (@Rakesh_Sachan_) June 10, 2020
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राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इसे चुनाव प्रचार करार दिया। राजद के नेताओं ने इस रैली का थाली – बर्तन बजाकर विरोध भी किया था। जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग की अनदेखी भी की गई थी। एक ट्वीट में तेजस्वी ने कहा कि इनकी प्राथमिकता गरीब नहीं चुनाव है। इसीलिए गरीबों को घर पहुंचाने के बजाय एलईडी लगाने के लिए 144 करोड़ खर्च कर दिए।
प्रचार के लिए एक LED स्क्रीन पर औसत ख़र्च 20,000₹. BJP की आज की रैली में 72 हज़ार LED स्क्रीन लगाए गये है मतलब 144 करोड़ सिर्फ़ LED स्क्रीन पर खर्च किए जा रहे है।
श्रमिक एक्सप्रेस का किराया 600₹ था वो देने ना सरकार आगे आयी और न ही BJP।
इनकी प्राथमिकता गरीब नहीं बल्कि चुनाव है https://t.co/Zc9TIrCx6E
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 7, 2020
आपको बता दें कि अमित शाह ने इसे चुनावी रैली मानने से नकार दिया है, लेकिन निकट समय में बिहार और पश्चिम बंगाल में चुनाव होने हैं।ऐसे में कोई भी इनकी बात कैसे मानेगा कि यह चुनावी रैली नहीं है। इस रैली का विरोध देश तमाम नेता कर चुके हैंं। हाल ही में इस रैली का विरोध हरिद्वार कांग्रेस के युवा कार्यकर्ताओं ने एलईडी तोड़कर जताया था।