कोरोना के कारण पूरा विश्व ठहर सा गया है। कई देशों में लॉकडाउन होने के कारण आर्थिक स्थिति काफी नाजुक हो गई है। भारत की स्थिति भी सही नहीं है। जहां एक ओर आर्थिक पैकेज की घोषणाएं हो रही हैं वहीं दूसरी ओर आम जनता अभी भी मदद के इंतजार में है।
केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों की आमदनी काफी कम हो गई है। राज्य सरकारों की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि उन्हें लोन लेना पड़ रहा है। गुजरात सरकार ने वित्त वर्ष के दो महीने में ही 5000 करोड़ का लोन ले लिया है।
गुजरात राज्य की जो कमाई कर से होती थी वह आधी भी नहीं बची है। राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि राजस्व में लॉकडाउन के कारण 50% की गिरावट आई है। इनमें राजस्व के अलावा वैल्यू ऐडेड टैक्स, स्टाम्प ड्यूटी, मोटर व्हीकल टैक्स, बिजली शुल्क आदि शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार 2500 करोड़ रुपये अप्रैल महीने के लिए और 2500 करोड़ रुपये मई माह के लिए उधार लिए जाएंगे। राज्य सरकार यह पैसा उधार के तौर पर तब ले रही है जब उसे केंद्रीय करों से 1500 करोड़ रुपये और केंद्रीय योजनाओं के अनुदान से 1800 करोड़ रुपये मिले हैं।
गुजरात कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से एक है। यहां 15000 से ज्यादा मामले आ चुके हैं जबकि 1000 के करीब लोगों की मौत हो चुकी है। गुजरात में अहमदाबाद कोरोना संक्रमण का एक तरह से केंद्र बन गया है। अन्य शहरों के मुबाकले यहाँ संक्रमण के मामले काफी ज्यादा हैं। इसी शहर में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भव्य स्वागत के लिए करीब एक लाख लोगों को इकट्ठा किया गया था।
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25 मार्च से पूरे देश में शुरू हुए लॉकडाउन को अब पांचवी बार बढ़ाया गया है जो कि 30 जून तक रहेगा। इस पांचवे लॉकडाउन में कई तरह की छूटें दी गई हैं।