कहते हैं न कि दुनिया अच्छे लोगों की वजह से चल रही है। यही लोग एक बेहतर समाज बना रहे हैं। लोग भले कहें कि अब ऐसे लोग बहुत कम हैं लेकिन हैं तो।
एक मामला मध्य प्रदेश से सामने आया है जहाँ के एक टीचर के काम को जमकर सराहा जा रहा है। जब लोग सिर्फ अपना पेट भरने की सोच रहे हों ऐसे में दूसरों की मदद के लिए एक-एक पाई खत्म कर देना बड़े दिल वालों की बात है।
मध्य प्रदेश के एक टीचर ने जो किया वो शायद ही आज के समय में कोई करे। यहाँ के एक सरकारी टीचर ने अपने रिटायरमेंट के पैसों को गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए दान कर दिया।
मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में कार्यरत सहायक टीचर विजय कुमार चंसोरिया ने अपने रिटायरमेंट के 40 लाख रुपये गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए दान कर दिए। 39 साल की नौकरी करने के बाद चोंरसिया ने ये तय किया कि वह रिटायरमेंट का सारा पैसा गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए दान करेंगे।
दरअसल मध्य प्रदेश के जिस जगह विजय कुमार सहायक टीचर हैं वह आदिवासी बाहुल्य इलाका है और बच्चे बोर्ड द्वारा निर्धारित परीक्षा की फीस तक नहीं जमा कर पाते हैं। जिसकी वजह से बहुत सारे बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते।
बचपन बीता है गरीबी में:
विजय कुमार का बचपन गरीबी में बीता है। उन्होंने दूध बेचकर पढ़ाई की बाद में ऑटो तक चलाई। मुश्किलों को झेलते हुए वह एक दिन टीचर बन गए। गरीबी से निकलकर विजय कुमार भले टीचर बन गए लेकिन वह उस अहसास को नहीं भूले।
ऐसे तमाम लोग हैं जो समाज के लिए काम कर रहे हैं लेकिन विजय ने जो किया वह वाकई में काफी बेहतरीन काम है। विरले ही ऐसे लोग होते हैं और जो हैं उनका सम्मान होना चाहिए।