BY- FIRE TIMES TEAM
प्रदेश में एमएलसी स्नातक चुनाव का बिगुल बज चुका है और सभी उम्मीदवारों ने नामांकन करना शुरू कर दिया है। सतीश कुमार वर्मा ने इस बार लखनऊ खण्ड से नामांकन किया है और अपना घोषणा पत्र भी जारी किया जिसमें शिक्षा और रोजगार एक अहम मुद्दा है।
सतीश वर्मा ने बताया कि पूर्व में बने हुये विधानपरिषद सदस्यों ने वर्षों से लूट कर केवल अपना विकास करने का काम किया है। लेकिन कभी भी किसी सदस्य ने जरूरत मन्दों को ध्यान में नहीं रखा इसी का नतीजा है कि आजतक इस चुनाव में उदासीनता बनी हुई थी।
उन्होंने कहा कि इस बार इस चुनाव में जबरदस्त क्रांति हुई है क्योंकि उन्होंने जो बेरोजगारी का दंश झेला है उसका निराकरण करने के लिए वे स्वंम एमएलसी स्नातक चुनाव मैंदान में अमूल चूक परिवर्तन करने की मंशा से आये हैं।
सतीश वर्मा ने कहा कि यदि इस बार उन्हें विधानपरिषद में पहुंचा दिया जाता है तो निश्चित तौर पे वे समस्त शिक्षित बेरोजगार साथियों की आवाज बनेंगे।
एक देश एक शिक्षा और एक नौकरी एक परीक्षा
सतीश वर्मा ने कहा कि आजादी के बाद से सद्स्य विधान परिषद के चुनाव में आज तक बहुजन समाज का कोई भी व्यक्ति नहीं जीत पाया इसीलिए यहाँ पर केवल धन उगाही का मकसद लेकर आने वाले ही सफल रहे। लेकिन इस बार इस चुनाव में उनके आने से धन उगाही की समस्याओं का अंत होगा और सभी शिक्षित बेरोजगार भाईयों की वे आवाज बनेंगे।
उन्होंने सभी से अपील की कि इसबार उन्हें अपना कीमती वोट व सपोर्ट करें ताकि वे विधानपरिषद में आपकी आवाज को बुलंद कर सकें।
जारी किए गए घोषणा पत्र के मुद्दे
- समस्त भर्ती प्रक्रियों का एक निश्चित समय सीमा तय कराना।
- समस्त निजी विद्यालयों में RTE शिक्षा के अधिकार का सभी पात्रों को लाभ दिलाना।
- समस्त निजी विद्यालयों की समान फीस कराना ताकि कमजोर आर्थिक पूंजी के लोग भी आसानी से अच्छी शिक्षा ग्रहण कर आगे बढ़ सकें।
- सम्पूर्ण देश में एक समान शिक्षा के लिए मजबूती से पैरवी कर लागू करवाना।
- रोजगार अधिनियम के तहत समस्त शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराना।
- प्रत्येक शहरों में आधुनिक कोचिंग संस्थान खुलवा कर अभ्यर्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु तैयार कराना।
- समस्त शहरों में जर्जर छात्रावासों की मरम्मत व नये का निर्माण कराना।
- शिक्षा मित्रों ग्रामरोजगार सेवकों सहित एवं समस्त संविदा कर्मियों के नियमितीकरण व वेतन सम्बन्धी विसंगतियों को दूर कराना।
- निजी विद्यालयों में पढ़ा रहे अध्यापकों को मासिक वेतन दिलाना।
- समस्त नौकरियों में सेवानिवृत्त हुय अधिकारियों व कर्मचारियों को पेंसन वहाली कराना।
- अन्य समस्त जरूरी प्रकरणों को विधानपरिषद में उठाना।
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