2013 से उत्तर प्रदेश में सीवर-सफाई में गईं सबसे अधिक जानें

BY- FIRE TIMES TEAM

मैनुअल स्‍कैवेंजिंग एक्‍ट 2013 के तहत देश में सीवर-सफाई के लिए किसी भी व्‍यक्ति को उतारना पूरी तरह गैर-कानूनी है। अफसोस, ये आदेश फाइलों तक ही सीमित है। बीते तीन सालों में 54 सफाईकर्मियों ने यूपी के मेनहोल में दम तोड़ा है। यह पूरे देश में सबसे अधिक है।

इसके बावजूद सरकारी हो या प्राइवेट सीवर की सफाई, कर्मियों को धड़ल्ले से मौत के मुंह में ढकेला जा रहा है। देश में बीते 10 सालों में 635 सफाईकर्मियों की सीवर सफाई के दौरान मौत हो चुकी है।

हादसों के बाद जागी सरकार ने प्रदेश के सभी निकायों और पालिकाओं को मैनुअल सीवर सफाई कराने पर तत्काल रोक के आदेश दिए हैं। प्रदेश के सभी डीएम, नगर आयुक्तों, एमडी जल निगम को निर्देश दिए गए हैं कि मैनुअली हो रही सीवर सफाई को तत्काल रोका जाए। अपर मुख्य सचिव रजनीश दुबे ने सभी निकायों को लेटर जारी किए हैं।

हाल ही में 4 लोगों की मौत

सात दिन पहले सीवर लाइन की सफाई के दौरान लखनऊ और रायबरेली में दो-दो मजदूरों की मौत हो गई। लखनऊ के सहादतगंज में तीन मजदूरों को सफाई के लिए सीवर लाइन में उतारा गया था, जिसमें से दो की दम घुटने से मौत गई, जबकि तीसरे को गंभीर हालत में ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था। वहीं, रायबरेली के मनिका रोड पर अमृत योजना के तहत निर्मित सीवर लाइन की सफाई के दौरान दो मजदूरों की मौत हो गई थी।

सबसे ज्यादा यूपी में मौतें

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिकता मंत्रालय की संस्था राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के आंकड़ों की बात करें, तो वर्ष-2019 में सीवर की सफाई के दौरान 110 लोगों की मौत हुई। वहीं, वर्ष-2018 में 68 और 2017 में 193 मौतें हुईं। प्रदेश स्तर पर सफाईकर्मियों की काम के दौरान हुई मौत के आंकड़े की बात करें तो पिछले तीन साल में सबसे ज्यादा 54 मौतें यूपी में हुई हैं। इसमें सबसे ज्यादा मामले 2019 में दर्ज हुए।

नियमों की हो रही अनदेखी

एक्ट के तहत सफाई कर्मियों से सीवेज सफाई पूरी तरह गैरकानूनी है। अगर व्‍यक्ति को सीवर में उतारना ही पड़ जाए, तो उसके लिए कई तरह के नियमों का पालन जरूरी है। मसलन, जो व्‍यक्ति सीवर की सफाई के लिए उतर रहा है, उसे ऑक्सीजन सिलेंडर, स्‍पेशल सूट, मास्‍क, सेफ्टी उपकरण इत्‍यादि देना जरूरी है। इन नियमों की पूरी तरह अनदेखी की जाती है।

यूपी में सीवर सफाई के दौरान बड़े हादसे

गाजियाबाद में 5 कर्मचारियों की मौत- 22 अगस्त 2019 को गाजियाबाद में सीवर की सफाई करने उतरे पांच कर्मचारियों की मौत हो गई थी। नंदग्राम इलाके में सफाई कर्मचारी सीवर की सफाई कर रहे थे, इसी दौरान जहरीली गैस के कारण दम घुटने से सभी की मौत हो गई थी।

वाराणसी में 2 की दम घुटने से मौत- 1 मार्च 2019 को वाराणसी के पांडेपुर इलाके में संविदा सफाई कर्मचारी चंदन और राकेश को गहरी सीवर लाइन में बिना किसी सुरक्षा उपकरणों के उतारा गया। दोनों की दम घुटने से मौत हो गई थी।

कानपुर में 2 सफाई कर्मियों की मौत- 19 जून 2019 को कानपुर के बाबूपुरवा थाना क्षेत्र में सीवर की सफाई के दौरान दो सफाईकर्मियों की मौत हो गई। जहरीली गैस से दोनों कर्मी बेहोश हो गये थे इसके बाद तेज बहाव में दोनों डूब गए। कई किलोमीटर दूर उनकी लाशें मेनहोल के अंदर की मिली।

कानपुर में 3 सफाई कर्मियों का दम घुटा 1 की मौत- 6 अगस्त 2017 को कानपुर के ही बर्रा विश्वबैंक में सीवर चेंबर की सफाई के दौरान तीन सफाई कर्मी जहरीली गैस की चपेट में आ गए थे। वक्त रहते बचाव कार्य के चलते दो कर्मचारियों को बचा लिया गया था, लेकिन एक की मौत हो गई थी।

यह भी पढ़ें- हर बीते दिन के साथ भाजपा सरकार का झूठा और किसान विरोधी चेहरा बेनक़ाब ही हुआ है

Follow Us On Facebook Click Here

Visit Our Youtube Channel Click Here

About Admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *