BY- FIRE TIMES TEAM
जब सोनिया गांधी ने राजीव गांधी से शादी की थी तब उन्होंने इस शर्त पर की थी कि वह राजनीति नहीं करेंगे। राजीव गांधी तब इसके लिए मान भी गए थे, अपने आप को राजनीति से अलग कर लिया था।
यह महज संयोग था या फिर मजबूरी जब राजीव गांधी को राजनीति में आना पड़ा। शायद उस समय देश और कांग्रेस दोनों को राजीव गांधी की जरूरत थी। उसके बाद जब राजीव गांधी की हत्या हुई तो राजनीति से दूर रहने की बात करने वाली सोनिया जी को भी इसमें आना पड़ा।
सोनिया गांधी ने न केवल कांग्रेस को मजबूत किया बल्कि देश को एक नई दिशा भी दी। 2004 से 2014 के बीच कई ऐसे ऐक्ट बने जो देश के लोकतंत्र को और मजबूत बनाने में कारगर हुए।
पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी जिन्होंने अपना आधे से ज्यादा जीवन भारत में गुजारा, इटालियन नागरिकता छोड़ी, हिंदी सीखी, ताउम्र साड़ियां पहनीं, देश की सबसे पुरानी पार्टी को चलाया, कई देशों के साथ भारत के संबंध सुधारे, कुछ लोगों को विदेशी लगती हैं।
दूसरी ओर अक्षय कुमार बॉलीवुड के हीरो कनाडियन नागरिकता के बाद भी पक्के वाले भारतीय देशभक्त बने हुए हैं। क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि अक्षय कुमार प्रधानमंत्री का साक्षात्कार करते हैं, प्रधानमंत्री आम कैसे खाते हैं यह पूछते हैं, या फिर अपनी फिल्मों को देशभक्ति के इर्द-गिर्द घुमाने का काम करते हैं इएलिये।
क्या हम उनके लिए भी ऐसी ही सहानुभूति नहीं रखते जो भारतीय विदेशी नागरिक बनकर दुनिया में डंका बजा रहे हैं?
माइक्रोसॉफ्ट के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर सत्य नडेला या फिर एक एक भारतीय जो गूगल कंपनी के हेड हैं उनको भूल सकते हैं क्या?
यदि हम इनको अपने आप से जोड़कर गर्व महसूस करते हैं तो फिर सोनिया गांधी जिन्होंने देश में रहकर देश कल्याण को तवज्जो दिया उनको क्यों नहीं?
या हम सिर्फ उस राजनीतिक घटनाक्रम का मोहरा बन रहे हैं जिसके आधार पर वोट बैंक तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है।