BY- FIRE TIMES TEAM
एक तरफ देश की जनता कोरोना से जूझ रही है वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों के लालच ने परेशानी और बढ़ा दी। कोरोना संकट से सबसे ज्यादा गरीब, प्रवासी मजदूर, किसान प्रभावित हो रहे हैं।
कई खबरें ऐसी आईं हैं जहाँ राशन न मिलने के कारण लोगो ने आत्महत्या कर ली है। गुरुग्राम में चार बच्चों के पिता ने राशन के अभाव में आत्महत्या कर ली थी। अब सवाल है कि जब सरकार राशन मुहैया करा रही है तब आम जनता को क्यों पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है?
दरअसल राशन वितरण की मशीनरी कहीं न कहीं इसमें सहयोग नहीं कर रही है। ग्राम संग्रामगंज पोस्ट दियवा तहसील पट्टी जिला प्रतापगढ़ पट्टी के ग्राम संग्राम गंज के कोटेदार के खिलाफ हमको कई शिकायतें की।
लोगों ने बताया कि कोटेदार राजमणि यादव द्वारा गांव वालों को राशन कम और ज्यादा दाम पर दिया जा रहा है इसके अलावा कभी-कभी समय पर राशन मिल भी नहीं पाता है।
जिसकी सूचना विजय तिवारी पुत्र स्व0 श्री बलराम तिवारी ने जिलाधिकारी प्रतापगढ़ तथा उपजिलाधिकारी पट्टी को भेजी थी जिसके उपरांत एक डीएसओ गांव वालों का बयान ले कर गए है।
इसके बाद गांव में 4 दिनों से गांव में राशन वितरण नहीं हो पाया जिससे आम जनता को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गांव वाले न्याय का इंतजार कर रहे हैं। इस गांव में पिछले 20 साल से कोटा यही अकेले चला रहे हैंं अतः इसकी ईमानदारी से जांच होनी चाहिए ।।
दूसरी ओर उन्नाव के ग्राम-पंचायत मवई, विकास-खण्ड औरास से भी लोगों ने राशन वितरण की शिकायत की है। लोगों ने आरोप लगाया कि यहाँ के कोटेदार जयकरन कई साल से राशन वितरण में हेरा फेरी कर रहे हैं।
लोगों ने कहा ग्राम पंचायत मवई की प्रधान मधुमती लखनऊ में रहती हैं उनसे शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं हो पाती। कोटेदार अपनी मनमानी से राशन वितरण करता है जिसके 5 यूनिट हैं उसको 3 यूनिट राशन देता उसमें भी 15 किलो में 13 किलो ही निकलता। 2 किलो घटतौली करके कम तौलता है।
प्रधान से शिकायत करने पर वह जानकारी न होने की बात कहती हैं। लोगों ने यह भी बताया कि शिकायत करने पर कोटेदार जाति सूचक गाली भी देता है।
जाहिर है यह स्थिति चिंताजनक है क्योंकि कोरोना की सबसे बुरी मार गरीब जनता पर ही पड़ी है। अब यदि उनको राशन सही तरीके पर उचित व्यवस्था के अनुसार न मिले तो इसके गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं।