BY – FIRE TIMES TEAM
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस कोरोना काल में सरकारी कर्मचारियों की छंटनी करने में लगी हुई है। इससे पहले यूपी पुलिस के भ्रष्ट कर्मियों जिनकी उम्र 50 साल से ज्यादा है की स्क्रीनिंग का फरमान सुनाया था। इस तरह की स्क्रीनिंग का निर्देश योगी सरकार ने पहले ही प्रदेश के विभिन्न विभागों के लिए दिया था। लेकिन उसपे पूरी तरह अमल नहीं हो पाया।
और अब प्रदेश की योगी सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के बाबुओं की छंटनी के आदेश जारी कर दिये हैं। इस आदेश के अनुसार 50 वर्ष से अधिक उम्र के बाबू की स्क्रीनिंग और छंटनी की जायेगी। इसके लिए 4 सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेटी बनाई गई है। कमेटी को जल्द ही अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।
छंटनी के लिए स्क्रीनिंग कमेटी में अपर निदेशक (प्रशासन) को अध्यक्ष बनाया गया है। उनके साथ संयुक्त निदेशक (कार्मिक), संयुक्त निदेशक (मुख्यालय) और वरिष्ठ लेखाधिकारी को सदस्य बनाया गया है।
यह कमेटी 50 साल से ज्यादा उम्र के बाबुओं की कार्यदक्षता, ईमानदारी और शारीरिक दक्षता के आधार पर स्क्रीनिंग करेगी। सरकार द्वारा मंगलवार को जारी आदेश में कहा गया है कि स्वास्थ्य विभाग में अपने काम के प्रति लापरवाही बरतने वाले और अपने काम में ढिलाई करने वाले कर्मचारियों की स्क्रीनिंग कर छंटनी की जायेगी।
जारी आदेश में कहा गया है कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधीनस्थ कार्यालयों एवं चिकित्सालयों में कार्यरत लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों की सेवा दक्षता सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया गया है।
इस कमेटी में चार सदस्य शामिल हैं जो चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के 50 वर्ष से अधिक आयु के कार्मिकों की स्क्रीनिंग की कार्यवाही पूरी करते हुए नियुक्ति प्राधिकारी को रिपोर्ट देगी।
2017 में योगी सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति स्पष्ट कर दी थी। उसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग में कई बड़ी घटनाओं ने सरकार की किरकिरी कर दी।
इसके अलांवा स्वास्थ्य विभाग में कोई सुधार देखने को नहीं मिला। अंततः सरकार को इस तरह का फैसला लेने को मजबूर होना पड़ा। जिसका विरोध भी बहुत हो रहा है।
लिपिक संवर्ग ने किया 14 अक्टूबर से आंदोलन का ऐलान –
सरकार के इस फैसले से नाराज होकर लिपिक संवर्ग ने 14 अक्टूबर को आंदोलन करने का ऐलान कर दिया है। आपको बता दें कि प्रदेश भर में स्वास्थ्य विभाग के 1400-1500 कर्मचारी तैनात हैं। जिनमें से 50 से ज्यादा उम्र के 30-40 प्रतिशत कर्मचारी हैं।