BY – FIRE TIMES TEAM
बीते 14 जून को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने कथित तौर पर मुंबई के अपने घर में सुसाइड कर लिया था। इस मामले में मुंबई पुलिस के बाद बिहार पुलिस भी जांच कर रही थी। हालांकि बिहार सरकार की सिफारिश पर यह मामला सीबीआई को ट्रांसफर हो चुका है।
19 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में ऋषिकेष रॉय की सिंगल बेंच ने यह मामला सीबीआई को सौंंप दिया। जिसमें मुंबई पुलिस को भी इस जांच में सहयोग देने और सभी सुबूतों को सीबीआई को देने का भी निर्देश दिया गया।
सुशांत सिंह की बहन श्वेता कीर्ति सिंह ने ट्वीट करके सभी लोगों का धन्यवाद किया है, जो सुशांत मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे थे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को जीत की तरफ एक पहला कदम बताया है।
6 अगस्त की एफआईआर के बाद सीबीआई ने चार सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) बना दी है। जिसका नेतृत्व गुजरात कैडर के आईपीएस अफसर मनोज शशिधर करेंगे। और बाकी सदस्यों में नुपुर प्रसाद, गगनदीप गंभीर और अनिल यादव जांच अधिकारी होंगे।
आइये जानते हैं इन जांच अधिकारियों की खास बातें –
1. मनोज शशिधर, ज्वाइंट डायरेक्टर, सीबीआई
आपको बता दें कि आईपीएस मनोज शशिधर अभी तक किसी भी जांच में नाकाम नहीं हुए हैं। उन्हें सीबीआई में नो-नानसेंस अधिकारी के तौर पर जाना जाता है। शशिधर हाई-रिस्क, हाई-टेंशन माहौल में काम करने के आदी हैं। इससे पहले वे विजय माल्या केस पर भी काम कर चुके हैं।
2. गगनदीप गंभीर, डीआईजी, सीबीआई
2004 बैच की गुजरात कैडर की आईपीएस अफसर बिहार के मुजफ्फरनगर से ताल्लुक रखती हैं। सीबीआई में उन्हें घोटालों की जांच का महारथी माना जाता है। यूपी में खनन मामले में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की भूमिका की जांच की जिम्मेदारी उन्हें ही मिली थी। इसके अलांवा सृजन घोटाला और पत्रकार उपेन्द्र राय मामले की भी जांच उन्होंने ही की थी।
3. नुपुर प्रसाद, एसपी, सीबीआई
नुपुर प्रसाद 2007 बैच की एजीएमयूटी कैडर की आईपीएस अफसर हैं। ये भी बिहार के गया जिले से ताल्लुक रखती हैं जिन्हें उनकी तेज-तर्रार छवि के लिए जाना जाता है।
3. अनिल कुमार यादव, डीएसपी, सीबीआई
मध्य प्रदेश से आने वाले अनिल कुमार जटिल हत्याकांड की जांच में माहिर माने जाते हैं। मध्य प्रदेश के व्यापम् हत्याकांड की जांच उन्होंने ही की है। इससे पहले अनिल कॉमनवेल्थ गेम और अगस्ता-वेस्टलैंड घोटालों की जांच टीम के सदस्य रह चुके हैं।
जांच-प्रक्रिया कैसे बढ़ेगी आगे –
एफआईआर में लगाये गए आरोप के आधार पर सीबीआई जांच करेगी। सुशांत सिंह राजपूत की मौत का जिम्मेदार कौन है या किसको इससे फायदा हुआ या इसका मोटिव क्या था।
सीबीआई सीसीटीवी फुटेज, पूछताछ के डिटेल्स, पोस्टमार्टम की रिपोर्ट और फोरेंसिक रिपोर्ट के सहारे आगे बढ़ेगी। इसके बाद घटना का रिक्रिएशन महत्वपूर्ण होगा। और फिर सीबीआई के अधिकारी आगे की दिशा तय करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा था कि जब तक आरोपी की मंशा साबित नहीं होती तब सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाने की बात नहीं मानी जा सकती है। आरोपी की मंशा ही जांच को आगे बढ़ाने का एकमात्र कारण होगी।