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शायर मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा हाउस अरेस्ट, सीएम योगी के आवास के बाहर प्रदर्शन की कर रहीं थी तैयारी

BY – FIRE TIMES TEAM

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मशहूर शायर मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा और घंटाघर की प्रदर्शनकारी सैयद उजमा परवीन को हाउस अरेस्ट कर लिया गया है।

सुमैया राणा और उजमा परवीन ने लोगों से कहा था कि वे मुख्यमंत्री आवास 5 कालीदास मार्ग पर जमा हों, और महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और सरकार की नीतियों के खिलाफ ताली-थाली बजाकर अपनी आवाज मुख्यमंत्री तक पहुंचाएं।

दरअसल, दोनों महिलाओं ने राज्य में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध और कोरोना को रोकने में नाकाम राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने का ऐलान किया था। इसके लिए सुमैया ने सोशल मीडिया पर एक मैसेज सर्कुलेट किया था, और अधिक से अधिक तादाद में महिलाओं को 5 कालीदास मार्ग पर इकट्ठा होने की अपील की थी।

चूंकि कोरोना महामारी के कारण राजधानी में धारा 144 लगी हुई है, ऐसे में सामूहिक प्रदर्शन  करने से कोविड संक्रमण बढ़ सकता है। इसलिए पुलिस ने उजमा और सुमैया को धारा 144 के उल्लंघन का नोटिस थमा दिया है।

आपको बता दें कि लखनऊ के कैसरबाग इलाके के सिल्वर हाइट्स अपार्टमेन्ट में मुनव्वर राणा का परिवार रहता है। इस अपार्टमेंट के सामने मंगलवार सुबह से ही भारी पुलिस बल की तैनाती थी। मुनव्वर राणा की दोनों बेटियों सुमैया और फौजिया को घर से बाहर कहीं भी आने-जाने पर पाबंदी लगा दी गई है।

लखनऊ के सआदतगंज निवासी सैय्यद उजमा परवीन को भी उनके घर में ही नजरबंद कर दिया गया है। इससे पहले 15 अगस्त के दिन भी उजमा कुछ महिलाओं के साथ घण्टाघर पर तिरंगा लहराने जा रहीं थी। उस दौरान भी उन सभी को हाउस अरेस्ट कर लिया गया था। उजमा लॉकडाउन के समय भी लखनऊ की गलियों में सैनेटाइजेशन के लिए चर्चा में रहीं थीं।

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सुमैया का आरोप है कि उनके घर के बाहर 30-40 पुलिस वाले तैनात कर दिये गये हैं। अपार्टमेन्ट में आने – जाने वाले हर व्यक्ति से पूछताछ और उसकी तलाशी ली जा रही है। जो कि गलत है। उन्होंने कहा कि मैं कोई हिस्ट्रीशीटर या अपराधी नहीं हूं, जो मेरे साथ इस तरह का बर्ताव किया जा रहा है।

उजमा ने कहा कि कोरोना के दौरान बेरोजगारी बेतहाशा बढ़ी है। और जब हम यह बात सरकार के सामने रखने जाते हैं, तो हमें हाउस अरेस्ट कर लिया जाता है। और धारा 144 के उल्लंघन का नोटिस थमा दिया जाता है। यह तो पूरी तरह अनैतिक और असंवैधानिक है।

इससे पहले भी सुमैया राणा और उजमा परवीन नागरिकता संशोधन कानून और जनगणना के खिलाफ प्रदर्शनों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले चुकी हैं। जिसके बाद ठाकुरगंज पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए इन दोनों महिलाओं समेत 150 लोगों पर कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।

 

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