अगर मांगे पूरी नहीं हुई तो 15 अक्टूबर से अनिश्चितकाल के लिए धरने पर जाएंगे यूपी के बुनकर

BY- FIRE TIMES TEAM

कोरोनाकाल में टूट चुके उत्तर प्रदेश के पॉवरलूम बुनकर दशकों बाद हड़ताल पर हैं। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में हजारों पॉवरलूम हैं जो कि अनिश्चितकाल के लिए बंद हो गये हैं।

दरअसल, बुनकरों की सरकार से मांग है कि पहले की तरह ही फ्लैट रेट पर बिजली बिल लिया जाय, व्यवसायिक दर से बिजली बिल जमा करने में वे सभी असमर्थ हैं।

बिजली के बिल के संबंध में अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन द्वारा बुनकरों की विद्युत बिल फ्लैट रेट योजना के सम्बन्ध में दिनांक 03 सितम्बर 2020 को की गयी घोषणाओं पर अभी तक कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।

कोई भी आदेश जारी न होने के कारण बुनकरों पर विद्युत विभाग का बकायेदार बढ़ता जा रहा है और विद्युत विभाग द्वारा बुनकरों का शोषण एवं उत्पीड़न किया जा रहा है।

इस सम्बन्ध में दिनांक 03 अक्टूबर 2020 को वाराणसी में उत्तर प्रदेश बुनकर सभा प्रदेश संचालन समिति एवं अन्य बुनकर प्रतिनिधियों की बैठक में निर्णय लिया गया है कि यदि 14 अक्टूबर 2020 तक सरकार की तरफ से उक्त सम्बन्ध में कोई आदेश जारी नहीं होता है तो प्रदेश के समस्त पावरलूम एवं अन्य सम्बन्धित मशीनें दिनांक 15 अक्टूबर 2020 से अनिश्चितकाल के लिये बन्द कर शांतिपूर्ण तरीके से आन्दोलन किया जायेगा।

बैठक में सभी बुनकरों से अपील की गई कि बुनकर एकता का प्रदर्शन करते हुए आन्दोलन को सफल बनाने के लिए दिनांक 15 अक्टूबर 2020 से अपने पावरलूमों एवं अन्य सम्बन्धित मशीनों को बन्द रखें।

आपको बता दें कि प्रदेश के कपड़ा उद्योग में 80 फीसदी पॉवरलूम और 20 फीसदी पर हथकरघे का कब्जा है। एक मोटे अनुमान के मुताबिक उत्तर प्रदेश में करीब 2.72 लाख पॉवरलूम हैं।

वाराणसी, मऊ, मोहम्मदाबाद, मुबारकपुर, सीतापुर के खैराबाद, बाराबंकी, झांसी के मउरानीपुर और टांडा में हजारों की तादाद में पॉवरलूम हैं जिनमें करीब 20 लाख बुनकर काम करते हैं।

उत्तर प्रदेश में साल 2006 से प्रति पॉवरलूम 72 रूपये बिजली का बिल लिया जा रहा है, और अब प्रति यूनिट उपभोग की दर से बिजली बिल लिया जाने लगा है। नई दरों के मुताबिक यह बिल अब 1400-1500 रूपये हो जायेगा।

पॉवरलूम बुनकर पुरानी व्यवस्था को लेकर कई महीनों से आंदोलनरत हैं। उनका कहना है कि नया सिस्टम उन्हें धन्धे से बाहर कर देगा और प्रदेश में गुजरात के सूरत एवं महाराष्ट्र के भिवंडी के कपड़ों का राज होगा।

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