BY – FIRE TIMES TEAM
हमारे देश में ऐसे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा जो किराये के मकान मेें रहते हैं। लेकिन किरायदारों को कायदे की सुविधा मिल नहीं पाती है, और मकान मालिकों द्वारा मनमानी किराया भी वसूला जाता है।
अब केन्द्र सरकार जल्द आदर्श किराया कानून लाने की तैयारी कर रही है। आवास एवं शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इससे रीयल एस्टेट क्षेत्र विशेष रूप से किराये के घरों को प्रोत्साहन मिलेगा।
रीयल एस्टेट कंपनियों के संगठन नारेडको द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए मिश्रा ने कहा कि प्रवासियों के लिए उचित किराया आवास परिसर (एआरएचसी) योजना की प्रगति काफी अच्छी है। इस कार्यक्रम के जरिये शहरों में झोपड़पट्टियों को रोका जा सकता है। सरकार ने कुछ महीने पहले यह योजना शुरू की थी।
मिश्रा ने कहा कि अर्थव्यवस्था को ‘अनलॉक’ किए जाने के बाद केंद्र और राज्य सरकारों की ओर कई उपायों के चलते अब घरों की बिक्री सुधर रही है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों ने संपत्ति के पंजीकरण पर स्टाम्प शुल्क घटाया है, जिससे घरों की बिक्री बढ़ी है
सचिव ने कहा कि केंद्र ने सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों को स्टाम्प शुल्क घटाने की सलाह दी है जिससे आवास क्षेत्र को प्रोत्साहन दिया जा सके।
मिश्रा ने कहा, ‘‘आदर्श किराया कानून तैयार है। इसका विभिन्न भाषाओं में अनुवाद किया जा रहा है। इसके व्यापक प्रभाव होंगे।’’ उन्होंने कहा कि प्रस्तावित आदर्श किराया कानून पर टिप्पणियां लेने की समयसीमा 31 अक्टूबर को समाप्त हो गई है। अब राज्यों से इसपर अपनी राय देने को कहा गया है। सचिव ने कहा कि आदर्श किराया कानून ‘काफी जल्दी’ आएगा।
उन्होंने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार 1.1 करोड़ घर खाली हैं, क्योंकि लोग अपना घर किराये पर देने में हिचकिचाते हैं। मिश्रा ने कहा कि आदर्श किराया कानून से सभी विसंगतियां दूरी होंगी और रीयल एस्टेट क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा।
कॉन्फ्रेंस में मिश्रा ने डेवलपर्स से कहा, ”देश की जीडीपी में रियल एस्टेट की हिस्सेदारी करीब 7 फीसदी है। भविष्य में इसके 14-15 फीसदी बढ़ने के आसार हैं। 5.5 करोड़ से ज्यादा लोग रियल एस्टेट से जुड़े काम में संलग्न हैं। हम हर साल एक शिकागो बना रहे हैं।