BY – FIRE TIMES TEAM
वैसे तो कोरोना संक्रमण की जांच के बाद प्रतिदिन स्वास्थ्य मंत्रालय संक्रमितों के आंकड़े जारी करती है। लेकिन ये तो वो आंकड़ें हैं जिनमें कोई लक्षण हैं या फिर किसी कान्टैक्ट हिस्ट्री के कारण जांच हुई है। उत्तर प्रदेश सरकार दिल्ली की तर्ज पर ही कोरोना संक्रमित लोगों की सही संख्या पता लगाने के लिए प्रदेश के 11 जिलों में सीरो सर्वे कराने जा रही है।
दरअसल कई बार कम्यूनिटी ट्रांसफर का सवाल लोगों द्वारा पूछा गया लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय इससे इंकार करता रहा था। लेकिन अब कोरोना की बढ़ती संख्या को देखकर यही लगता है कि कम्यूनिटी ट्रान्सफर शुरू हो चुका है। ऐसे में सरकार को यह जानना बेहद जरूरी है कि प्रदेश के जिलों में कोरोना की हालत क्या है।
आखिर सीरो सर्वे है क्या ?
किसी भी शहर या जिलें में कितने लोग कोरोना संक्रमित हो सकते हैं इसका आकलन करने के लिए सीरोलॉजिकल सर्वे कराया जाता है। सीरोलाॉजिकल टेस्ट एक तरह का ब्लड टेस्ट है जिसमें व्यक्ति के खून में मौजूद एंटीबॉडी की पहचान की जाती है।
यदि खून में से लाल रक्त कणिका निकाल दिया जाता है तो बाकी बचा हुआ पीला पदार्थ सीरम कहलाता है। और सीरम में मौजूद एंटीबॉडीज से अलग-2 तरह के सीरोलॉजिकल टेस्ट किये जाते हैं।
लेकिन सभी सीरोलॉजिकल टेस्ट में एक बात समान होती है वो यह कि इम्यून सिस्टम द्वारा बनाये गये प्रोटीन पर सभी में खास ध्यान दिया जाता है। और यही इम्यून सिस्टम शरीर पर हो रहे बीमारियों के आक्रमण से बचाव करता है।
इस सर्वे का मूलतः उद्देश्य यह है कि अभी तक कितनी आबादी कोरोना महामारी से संक्रमित हो चुकी है और कितने लोगों के शरीर में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हो चुकी है।
हाल ही में दिल्ली में हुए सीरो सर्वे के मुताबिक 28.3 फीसदी लोगों के कोरोना संक्रमित होने की बात कही जा रही है। और सर्वे के नतीजों के मुताबिक देश की राजधानी दिल्ली की 29 प्रतिशत आबादी में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हो चुकी है।
यूपी के अतिरिक्त मुख्य सचिव ( परिवार स्वास्थ्य कल्याण ) अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी इस सर्वे को मॉडरेट करेगी।
सीरोलॉजिकल सर्वे के लिए यूपी के जिन जिलों को चुना गया है वे हैं कानपुर, मुरादाबाद, गाजियाबाद, वाराणसी, गोरखपुर, आगरा, प्रयागराज, कौशाम्बी, बागपत, लखनऊ और मेरठ।