BY- निर्माण सोशल फोरम
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में डिग्री घोटाला एक एसआईटी की जांच में सामने आया है। यह घोटाला 2004 से 2014 के बीच में हुआ। इसमें 19 शिक्षक व कर्मचारी दोषी पाए गए।
इस घोटाले में अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल का नाम भी सामने आया है। यही नहीं इनके ऊपर वाराणसी की 59 वर्षीय प्रो. सुधा पांडेय ने साहित्यिक चोरी का भी आरोप लगाया है।
प्रो. पांडेय का कहना है कि दर्शनशास्त्र विभाग में उनके द्वारा 1991 में जमा की गई पीएजेडी से प्रो. शुक्ल ने 1994 में लगभग 80% हिस्सा चुराया है।
यही वजह है कि निर्माण सोशल फोरम वर्धा के सदस्य चाहते हैं कि कुलपति के पद पर प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल की जगह पर किसी और की नियुक्ति हो। उनका मानना है कि भ्रष्टाचार में लिप्त और साहित्यिक चोरी करने वाले व्यक्ति का कुलपति के पद पर बने रहना अनैतिक है।