BY- FIRE TIMES TEAM
दुनियाभर में फैली कोरोना महामारी ने आज अपनो को ही अपनो से अलग कर दिया है। परिवार में अगर कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव होता है तो उसे इलाज के लिए अकेले ही ले जाया जाता है और अकेले ही रखा जाता है।
यह समस्या इसलिए भी है क्योंकि यह वायरस इतना खतरनाक है कि संपर्क मात्र से ही यह वायरस दूसरे इंसान के शरीर में प्रवेश कर सकता है और इसलिए दुनियाभर के सभी देशों में सोशल डिस्टनिंग अपनाई जा रही है।
COVID-19 के डर की बात यहां तक बात पहुंच गई है कि अब लोग अब अपने परिवार वालों का अंतिम संस्कार करने से भी कतराने लगे हैं।
जैसा कि कोरोनोवायरस के फैलने की आशंका ने देश को जकड़ लिया है, भोपाल में एक युवक ने अपने पिता का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया, जो COVID -19 संक्रमण से मारे गए।
दाह संस्कार तहसीलदार गुलाब सिंह द्वारा किया गया।
सिंह ने बताया, “COVID -19 पॉजिटिव प्रेम सिंह का 20 अप्रैल को निधन हो गया था। उस समय उनके परिवार में उनकी पत्नी, बेटे और उनके बहनोई ने कहा था कि वे हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार सुबह दाह संस्कार करेंगे।”
उन्होंने बताया, “सुबह अंतिम संस्कार के समय युवक ने अपने पिता का कोरोना के डर के चलते अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया।”
उन्होंने आगे कहा, “मैंने व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट पहनकर बेटे को अंतिम संस्कार करने के लिए मनाने की कोशिश की। हालांकि, वह संक्रमण होने से डर गया था और उसकी मां ने भी उसके फैसले का समर्थन किया। इसलिए, मैंने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर प्रेम सिंह का अंतिम संस्कार किया।”
उन्होंने कहा कि अंतिम संस्कार के दौरान परिवार मौजूद था, लेकिन कुछ दूरी पर रहा।
तहसीलदार ने कहा कि हालांकि उन्होंने परिवार की भावनाओं का सम्मान करने के लिए अंतिम संस्कार किया और इस तरह के डर के पीछे का कारण उन उपायों के प्रति जागरूकता की कमी है जो कोरोनावायरस के प्रसार को रोक सकते हैं।
सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार अगर किसी व्यक्ति की जो Covid -19 संक्रमण से मौत हो चुकी है तो लोग उसके शरीर देख सकते हैं, लेकिन स्पर्श, आलिंगन या मृतक चुंबन नहीं कर सकते हैं।