BY- VIMAL VARUN
कोरोना वायरस के केसेस भारत में कब आने शुरू हुए-
कोरोना वायरस का पहला केस भारत में रिपोर्ट हुआ जनवरी को
10वां केस रिपोर्ट हुआ मार्च को
1 से 10 केस होने में लगा समय 33 दिन
100 वां केस रिपोर्ट हुआ 14 मार्च को
10 से 100 केस होने में लगा समय 11 दिन
1000 वां केस रिपोर्ट हुआ 29 मार्च को,
100 से 1000 केस होने में लगा समय मात्र 15 दिन,
10000 वां केस रिपोर्ट हुआ 13 अप्रेल को,
1000 से 10000 केस रिपोर्ट होने में लगा समय मात्र 15 दिन।
ऊपर ये Statics 10 गुना तेजी से बढ़े कोरोना संक्रमण की रफ्तार का है।
आज देशभर में 24530 कोरोना वायरस संक्रमण के केसेस हैं।
10000 वां केस 13 अप्रैल को रिपोर्ट हुआ, आज मात्रा 11 दिन बाद यह संख्या 24530 का आंकड़ा पार कर गयी।
13 अप्रैल से लेकर आज तक हर दिन औसतन 1200 से ज्यादा नए केस रिपोर्ट हो रहे हैं।
1 से 1200 केसेस पहुँचने में 62 दिन का समय लगा, जबकि आज हर रोज 1200 केेेस प्रतिदिन की औसत से कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
कोरोना वायरस से हुई मौतें-
देश मे कोरोना वायरस संक्रमण से पहली मृत्यु 12 मार्च को हुई
10 वीं मृत्यु 23 मार्च को, पहली मृत्यु के 11 दिन बाद
100 वीं मृत्यु 5 अप्रैल को पहले 10 वीं मृत्यु के 13 दिन बाद।
आज देशभर में कोरोना संक्रमण से 780 मृत्यु हो चुकी है, कोरोना से हुई 100 वीं मृत्यु के ठीक 20 दिन बाद 25 अप्रैल 780 वीं मौत कोरोना से होती है।
5 अप्रैल से लेकर आज तक हर दिन औसतन 34-35 मौतें कोरोना से हर रोज हो रही हैं।
देश मे कोरोना वाइरस से मृत्यु दर 3.17 के करीब।
देश का कोरोना वायरस से रिकवरी रेट लगभग 22.41 के करीब है।
कोरोना महामारी की बुरी तरह मार झेल रहे China, Spain, Italy, France, Germany, Iran , Pakistan, Brasil से भी कम।
कोरोना वायरस टेस्ट-
कोरोना वाइरस की टेस्टिंग में हम दुनिया के 130 देशों से भी पीछे हैं, हम 10 लाख की आबादी पर मात्र 420 लोगों का Corona Test कर पा रहे हैं।
उपरोक्त आंकड़े (ICMR, Covid-19India org, Worldometers) वेबसाइट से जुटाए गए हैं
ऐसे समय जब कोरोना वायरस महामारी से लड़ रहे डॉक्टर्स, नर्सेस स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ को सुरक्षा उपकरणों की भारी कमी है, स्वास्थ्य संबंधी N95 मास्क, सर्जिकल मास्क, दस्ताने, PPE किट की कमी से चिकित्सक स्टाफ झूझ रहा है।
हर रोज सफाईकर्मियों के कोरोना संक्रमित होने की खबर आ रही है, उनके पास coveralls की भी भारी कमी है, दस्ताने तक नही मिल पा रहे।
अस्पतालों में पर्याप्त वेंटीलेटर तक नहीं हैं।
ऐसी महामारी के समय आरक्षण के विरोध में जजमेंट आना कई बड़े सवाल जरूर खड़े करता है।
SC/ST Act के खिलाफ आये जजमेंट के बाद देशभर के दलितों ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया, रोड जाम की थी।
लेकिन अब आये इस जजमेंट के खिलाफ दलित कोई प्रदर्शन ना करें, क्योंकि अगर ऐसा होता है तो हम कोरोना वायरस महामारी से जंग हार जाएंगे।
जैसे मीडिया हर रोज चौबीसों घण्टे तब्लीगी जमात- तब्लीगी जमात गाती रहती है।
फिर इस मीडिया के कैमरा का फोकस आपकी तरफ हो जाएगा,
यह मीडिया कोरोना महामारी से लड़ने में अपर्याप्त इंतजामात पर सवाल नही उठाएगी, बल्कि यही मीडिया दलित-दलित चिल्लाएगी।
पहले कोरोना महामारी से जंग लड़िये, इससे जीतिए,
आरक्षण की लड़ाई तो बाद में जीत ही जायेंगे।