BY- FIRE TIMES TEAM
डॉ भीमराव अंबेडकर के बाद दलितों के सबसे बड़े नेता माने जाने वाले इंसान कांशीराम जी का आज यानी 9 अक्टूबर को परिनिर्वाण दिवस है जिसे पूरे देश में बहुजन समाज के लोग उन्हें श्रद्धाजंलि देने के लिए मनाते हैं। 8 नवंबर 2006 को उनका निधन हुआ था।
कांशीराम भारत में बहुजन राजनीति का एक बहुत बड़ा और चर्चित नाम है। कांशीराम से जुड़ी ऐसी बहुत सी बातें हैं जो उन्हें सरल स्वभाव का बनाती हैं लेकिन एक सबसे महवत्पूर्ण बात यह है कि उन्होंने राष्ट्रपति बनने का प्रस्ताव ठुकरा दिया था जिसे शायद बहुत कम लोग ही जानते हैं।
अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने उन्हें राष्ट्रपति पद का प्रस्ताव दिया था जिसे कांशीराम ने ठुकरा दिया था।
कांशीराम का जन्म पंजाब के एक दलित परिवार में हुआ था। उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर दलितों के उत्थान का फैसला किया था। 1981 में उन्होंने दलित शोषित समाज संघर्ष समिति या डीएस4 की स्थापना की। 1984 में उन्होंने बहुजन समाज पार्टी की स्थापना की।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में बहुजन समाज पार्ट के कार्यकर्ताओं ने आज उनके परिनिर्वाण दिवस पर एक कार्यक्रम का आज करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
लखीमपुर के कृष्णा मैरिज हाल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में डॉ रामकुमार कुरील, उमाशंकर गौतम, गया प्रसाद, सत्येन्द्र राजवंशी, मनमोहन मौर्य, रामकुमार चौधरी, विपिन गौतम, अम्बरीश गौतम, विजय कश्यप, रमाकांत नीरज, हरजिंदर सिंह, राजेश मिश्रा, इरशाद अली, जयवीर गौतम, रविन्द्र, मयादीन, लालवीर दिनकर मौजूद रहे।
सभा की व्यवस्था और अध्यक्षता जिला अध्यक्ष प्रमोद चौधरी द्वारा की गई और मौजूद सभी अतिथियों ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत किये।