उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा का परिणाम आ गया है। करीब 38 साल बाद यूपी में दोबारा किसी की सरकार बनी है। अखिलेश यादव की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। इस बार चुनाव भाजपा बनाम अखिलेश ही हुआ बाकी दल लड़ाई में नजर ही नहीं आये।
2022 के चुनाव में कुल 34 मुस्लिम उम्मीदवार जीते हैं जिनमें से 21 मुस्लिम विधायक उत्तर प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र से चुनकर आए हैं। यदि हम कुल विधायक के मत प्रतिशत को देखें तो उस हिसाब से इस बार 8.4% मुस्लिम विधायक हैं।
यूपी विधानसभा में कब कितने मुस्लिम विधायक?
1951 में जब आज़ादी के बाद यहां विधानसभा चुनाव हुए तब कुल मिलाकर 41 मुस्लिम विधायक बने थे, तब वोट प्रतिशत 9.6 था। इसके बाद 1957 में 37 मुस्लिम विधायक चुनकर आये।
साल मुस्लिम विधायक
1962 30
1967 23
1969 29
1974 25
1977 49
1980 47
1984 49
1989 38
1991 17
1993 25
1996 33
2002 47
2007 48
2012 69
2017 23
2022 34
इस हिसाब से देखा जाए तो 2012 के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा मुस्लिम विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे थे। तब अखिलेश यादव की सरकार बनी थी। सबसे कम मुस्लिम विधायक 1991 में थे तब मात्र 17 विधायक ही जीते थे। उस समय राम मंदिर का मुद्दा काफी तूल पकड़े हुए था।
इस बार के चुनाव नतीजों की बात की जाए तो सबसे बुजुर्ग मुस्लिम विधायक आज़मगढ़ की निजामाबाद सीट से आलमबदी हैं वहीं सबसे युवा चेहरा मऊ से अब्बास अंसारी।
प्रदेश की कुल 143 सीटों पर मुस्लिम वोटर निर्णायक:
आपको बताते चलें कि प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से 143 सीटें ऐसी हैं जहां पर मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका निभाता है। इनमें से 73 सीटें तो सीधे-सीधे मुस्लिम वोटर पर ही निर्भर करती हैं कि कौन हारेगा और कौन जीतेगा? इन 73 सीटों पर अगर आबादी की बात की जाए तो 35 से 50 फीसद के बीच मुस्लिम हैं।
2022 के चुनाव में बसपा और एआईएमआईएम ने भी जमकर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे लेकिन उनका एक भी उम्मीदवार जीतकर विधानसभा नहीं पहुंच सका। सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने 60 से अधिक मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे जिनमें ज्यादातर उम्मीदवारों की जमानत तक जप्त हो गई।